ग्राहक किसी भी तरह की परिस्थितियों में भविष्य निधि कोष से अपनी आंशिक निकासी या ‘अग्रिम’ को निकाल सकते हैं। कुछ ही दिनों बाद ग्राहकों के बैंक खातों में वो पैसे आ जाता हैं, लेकिन कई ये बार ये सभी दावे खारिज हो जाते हैं। इसके पीछे कई सारी वजह होती हैं मसलन, बैंक डिटेल का ठीक तरह से अपडेट न होना, गलत मेंबर डिटेल्स, चेक बुक कॉपी और हस्ताक्षर का साफ-साफ न होना, केवाईसी में पूरी जानकारी ना शामिल होना । आइये जानते है विस्तार से..
KYC की जानकारी का पूरा न होना: यदि कोई अपनी केवाईसी की डिटेल पूर्ण और सत्यापित नहीं डालता हैं, तो ईपीएफओ ईपीएफ निकासी दावे को अस्वीकार किया जा सकता है। बता दे EPF दावे की अस्वीकृति का एक मुख्य कारण है अपूर्ण केवाईसी ।
आधार और UAN का ठीक तरह से अपडेट न होना: आधार को सही से सत्यापित किया जाना चाहिए और उसे यूनिवर्सल अकाउंट नंबर से जोड़ा होना चाहिए। अगर यूएएन को आधार से लिंक नहीं कराया जाता है, तो EPF निकासी दावे को आस्वीकर कर सकती है।
हस्ताक्षर सही समझ न आने पर : अगर किसी भी मेंबर का हस्ताक्षर थीकोर साफ समझ नहीं आ रहा है और कार्यालय में उपलब्ध रिकॉर्ड के साथ व मैच नहीं खा रहा है, तो भी दावे खारिज हो सकते हैं। इसके साथ ही ईपीएफ निकासी के दावे को ऑनलाइन भरते वक्त, EPFO रिकॉर्ड में जो भी रजिस्टर्ड बैंक हो उसके खाते की जांच की स्कैन की हुई कॉपी देनी पडती है। इस वजह से कभी-कभी अस्पष्ट जांच भी अस्वीकृति का कारण बन सकती हैं।
बैंक की डिटेल का अपडेट न होना: EPF की निकासी दावा खारिज होने की एक ये भी वजह है| EPFO मेंबर को पोर्टल पर बैंक खाते की संख्या और IFSC कोड का अपडेट होना ना होना।
मेंबर डिटेल्स की गलत और अपूर्ण जानकारी: मेंबर डिटेल्स की स्थापना रिकॉर्ड के साथ मैच ना होने पर भी दावे खारिज हो सकते हैं। इसलिए ध्यान रखे की सदस्य का नाम और जन्मतिथि सही होनी चाहिए।