कांग्रेस के द्वारा भारत निर्वाचन आयोग को एक पत्र लिखकर ये मांग कि गयी है कि विधान सभा चुनाव के लिए हो रहीं इस बड़ी रैलियों पर रोक लगाई जाएँ। पार्टी ने आयोग से ये भी कहा है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री/उपमुख्यमंत्री और भाजपा के सभी नेताओं की सरकारी खर्चों पर हो रही इन रैलियों पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। बता दे वहीँ भाजपा के नेताओं पर संवैधानिक मंचों से अलोकतांत्रिक भाषा का यूज करके सत्ता का पूर्ण दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया है और इस पर भी रोक लगाने की मांग कि गयी है|
आपको बता दे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, विधानमंडल दल के नेता आराधना मिश्रा, पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया व पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी की तरफ से संयुकत रूप से भेजे जाने वाले इस पत्र के विषय में कांग्रेस नेताओं ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से जानकारी दी। वही इस पर आराधना मिश्रा मोना ने कहा है कि वर्तमान में कोरोना महामारी की तीसरी लहर की कुछ आशंका जताई जा रही है। ऐसे में छोटी-छोटी सभाओं, चौपाल, वर्चुअल मीटिग और घर-घर के अभियान जैसे आयोजन ही किये जाना ठीक होगा| बड़ी रैलियों पर पूरी तरह से रोक लगानी चाहिए।
बता दे अमेठी में दलित लड़की की बेवजह पिटाई के बारे में बताते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष पीएल पुनिया ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दलित को लेकर और महिला विरोधी सोच कि वजह से ही देश में दलितों, महिलाओं के साथ अधिक अत्याचार हो रहा है। इसकी वजह अपराधियों को सरकार का किसी भी तरह का संरक्षण मिलना और उन्हें बचाना भी शामिल है। अगर देखा जाए तो प्रदेश में दलितों के ऊपर औसतन 34 अपराध की घटनाएं हर दिन हो रही हैं और अपराध के इन सभी मामलों में बढ़ोतरी भी काफी हो रही है|