चुनमुन नाम के एक ख़ास बंदर ने जानी-मानी कवयित्री सबिस्ता ब्रजेश की जिंदगी को एकदम से बदलकर रख दी थी। वह जब अपने कर्ज से मुक्त हुईं तो उन्होंने अपनी ठीकठाक संपत्ति बना ली थी। चुनमुन की मृत्यु हो जाने के बाद उन्होंने उसके ही नाम से एक मंदिर स्थापित कराया था। उन्होंने अपने घर का नाम पहले ही चुनमुन हाउस रख डाला था। अब उसी चुनमुन हाउस में लंपट नाम का एक बंदर धमाचौकड़ी करता हुआ दिखाई दे रहा है।
आपको बता दे साहित्य जगत में सबिस्ता ब्रजेश बड़ा और जाना माना नाम हैं। मुस्लिम धर्म की इस शख्सियत ने 1998 में एडवोकेट ब्रजेश श्रीवास्तव के साथ शादी कर ली थी। तब ही उनके ऊपर 13 लाख का कर्ज आ गया था । शादी के कई साल हो जाने के बाद भी इनको कोई भी संतान नहीं हुई थी। फिर इसके बाद एक जनवरी, 2005 को ये चुनमुन को अपने घर लाए, तब वह सिर्फ चार महीने का था। जैसे ही उसके कदम घर पड़े तो सबिस्ता की आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे सुधरने लगी। वकालत के साथ-साथ घर पर लगी हुई आटा चक्की से भी मुनाफा आने लग गया। सबिस्ता को कई सारे कवि सम्मेलनों में बुलाया जाने लग गया और उनकी किताबें भी बाजार में आने लगी । कवि सम्मेलनों के संचालन से उनकी एक अच्छी आमदनी होने लग गयी। केवल कुछ ही सालों में उनका कर्ज पूरा हो गया । उन्होंने इसका पूरा-पूरा श्रेय चुनमुन को दिया और फिर उसके लिए अलग से तीन कमरे भी बनवा दिए
साथ ही उसके लिए एयरकंडीशनर भी लगवा । साल 2010 में एक बिट्टी नाम की बंदरिया से उसकी शादी करा दी गयी । बस इतना ही नहीं चुनमुन के नाम से एक ट्रस्ट बनाकर वह पशुसेवा भी करने लग गयी। साल 2016 में वह चुनमुन ट्रस्ट के नाम से एक अच्छी रकम जमा करने लगी , जिससे पशु सेवा के किसी भी काम में कोई आर्थिक अड़चन न आए, मगर कुछ वजह से ऐसा नहीं हो पाया । 14 नवंबर, साल 2017 को चुनमुन की मृत्यु हो गई। सबिस्ता ने विधि विधान से उसका अंतिम संस्कार भी करावाया और उसकी तेरहवीं भी की । उसके बाद में उन्होंने चुनमुन के नाम से अपने घर पर मंदिर भी बनवाया और उसमें भगवान राम और सीता के साथ ही चुनमुन की भी मूर्ति स्थापित करवा दी।
बता दे उनके चाहिते चुनमुन की मृत्यु हो जाने के बाद बिट्टी एकदम अकेली पड़ गई थी । तब सबिस्ता उसके लिए साल 2018 में लंपट को चुनमुन घर में ले आईं। दोनों एक ही साथ रहने लग गये । दो साल बाद 31 अक्टूबर, 2021 को बिट्टी की मौत हो गयी । अब केवल लंपट ही पूरे घर में उधम मचाता रहता है।