अफगानिस्तान में आतंकी संगठन तालिबान ने सरकार का गठन कर लिया है। कई इनामी आतंकियों को कैबिनेट में जगह मिली है। चीन, पाकिस्तान, रुस और तुर्की समेत कई देश अफगानिस्तान में तालिबान सरकार का समर्थन कर रहे हैं। वहीं, दुनिया के कई बड़े और शक्तिशाली देशों ने स्पष्ट किया है कि बंदूक के दम पर सत्ता हासिल करने वाले तालिबान सरकार को कोई समर्थन नहीं देंगे लेकिन अमेरिका ने साफ़ कर दिया है के वो अफगानिस्तानी LGBTQ की मदद करेगा|
अमेरिकी सांसद ने किया अफगानिस्तानी LGBTQ समर्थन
अमेरिका में अफगानिस्तान से निकासी के मसले पर संसद में चल रही चर्चा के दौरान सांसद सिसिलाइनी ने कहा, अफगानिस्तान में LGBTQI+ समुदाय के बारे में चिंताओं पर सही ढंग से प्रकाश डालने के लिए धन्यवाद, हम खुद भी इस खतरे को देख रहे हैं। वहीं, पिछले दिनों अमेरिका ने अफगानिस्तान को 64 मिलियन डॉलर की मानवीय सहायता देने का ऐलान किया।
अफगानिस्तान पर आयोजित मानवीय सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के राजदूत थॉम्पसन ग्रीनफील्ड ने कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति बेहद गंभीर है। इसलिए अमेरिका इस देश को 64 मिलियन डॉलर (करीब 470 करोड़ रुपये) की मानवीय सहायता देगा। इसके साथ ही उन्होंने यहां की स्थिति का आकलन करने की बात भी कही थी।
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के पास जाएगा फंड
अमेरिका की ओर से यह भी स्पष्ट रुप से कहा गया कि तालिबान के गलत हाथों में पैसा ना जाए, इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा। जो भी फंड होगा वह संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों के पास जाएगा ताकि लोगों तक मदद सुनिश्चित किया जा सके। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि ये मदद उन गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से की जाएगी, जो असुरक्षा, संघर्ष, आपदाओं और कोविड -19 महामारी के मुश्किल वक्त का सामना करने वाले अफगानों को सीधे सहायता प्रदान करते हैं।