ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिलने से दुनिया भर में फिर से दहशत का माहौल बन गया है। ब्रिटेन में इसे काबू करने के लिए सख्त लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है। ऑस्ट्रेलिया, इटली समेत कई देशों में इस वायरस के इस नए रूप के मामले सामने आये हैं। इन सब के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि ब्रिटेन में पाया कोरोना वायरस का ये नया प्रकार अभी बेकाबू नहीं हुआ है, और इस पर नियंत्रण भी पाया जा सकता है। हालांकि, कोरोना के इस नए प्रकार के फैलने की दर काफी तेज है।
हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस के इस सबसे ज्यादा संक्रामक प्रकार को लेकर सावधानी बरतने की चेतावनी दी है। आपको बता दे कि डब्ल्यूएचओ के आपातकाल विभाग के प्रमुख माइकल रेयान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये बताया कि कोरोना महामारी के शुरुआत के दौरान हमने कई जगहों पर इससे भी ज्यादा संक्रमण की दर को देखा है और इस पर नियंत्रण भी पाया है। इस प्रकार फिलहाल की स्थिति कोई बेकाबू नहीं है लेकिन हाँ डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा है कि इसे ऐसे ही छोड़ा नहीं जा सकता है।
कोरोना का नया प्रकार कम घातक
ब्रिटेन के डाटा की बात करते हुए डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने कहा कि उनके पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोरोना वायरस का ये नया वैरियंट लोगों को बीमार बनाता है या फिर अधिक घातक होता है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना का यह प्रकार मौजूदा कोविड-19 वैरियंट की तुलना में अधिक जल्दी व आसानी से फैल गया है।
कोरोना के सभी प्रकारों से मुकाबला करेगी वैक्सीन
डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने कहा कि कोरोना वायरस म्यूटेशन इन्फ्लूएंजा की तुलना में बहुत धीरे फैला है और ब्रिटेन में आया कोरोना का नया प्रकार भी मम्प्स जैसे अन्य रोगों की तुलना में बहुत कम ही फैल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 और कोरोना के नए वैरियंट का मुकाबला करने के लिए विकसिक किए जा रहे टीके ही काफी हैं।