पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच चल रहे बवाल में कैप्टन का पत्ता कट गया है। उन्होंने पिछले दिनों सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद राज्य का अगला सीएम कौन होगा, इस पर मंथल चल रहा था। सिद्धू समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के नाम सामने आए लेकिन कांग्रेस ने बड़ा दांव खेलते हुए एक दलित नेता को राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया है।
कांग्रेस का यह फैसला अगले साल की शुरुआत में ही होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी को फायदा पहुंचा सकता है। पंजाब में दलित मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती कुछ ज्यादा खुश नहीं है। उन्होंने कांग्रेस के इस फैसले को चुनावी हथकंडा बताया है।
कांग्रेस और बीजेपी पर बोला हमला
मायावती का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने दिखावे के लिए दलित को सीएम बनाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को चुनाव के समय ही दलित की क्यों याद आई। पंजाब के दलित कांग्रेस के बहकावे में आने वाले नहीं हैं। बीएसपी सुप्रिमो ने कहा, यूपी में 2022 का चुनाव नजदीक देख भाजपा ओबीसी के प्रति प्रेम दिखा रही है।
उन्होंने कहा, अगर उनको सही में इन जातियों से प्रेम होता तो एससी एसटी और ओबीसी के बैकलॉग पद ख़ाली न रहते। और भाजपा को ओबीसी जाति जनगणना को अब तक स्वीकार कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि काठ की हांडी बार-बार चढ़ने वाली नहीं है। केवल वोट की खातिर ओबीसी और दलित को लुभाया जा रहा है। भाजपा कांग्रेस के बहकावे में ये दोनो जातियां आने वाली नहीं है।
पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री बनें चरणजीत
बताते चले कि आने वाले कुछ ही महीनों में देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राजनीतिक पार्टियां अभी से ही अपनी तैयारियों में लग गई है। कांग्रेस पार्टी ने चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का नया मुख्यमंत्री बनाया है जो दलित सुमदाय से आते हैं। वह दलित समुदाय से आने वाले राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने हैं। आज राजभवन में राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने उन्हें सीएम पद का शपथ दिलाया। इनके साथ ही सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी ने उप मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ लिया।