क्रिकेट के मैच को जीतने के लिए कई बार टीम का टॉस जीतना काफी अहम होता है। यहां तक कि हर कोई टॉस जीत सकता है, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वो टीम मैच नहीं हारेगी, क्योंकि मैच जीतने के लिए सिर्फ टॉस जीतने से काम नहीं चलता है उसके लिए आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली के साथ ऐसा रहा है कि जब से वे कप्तान के तौर पर टेस्ट मैच में टॉस जीते हैं तो कम से कम मुकाबला वे हारे तो नहीं हैं।
भारतीय कप्तान विराट कोहली के साथ यह इत्तेफाक काफी समय से जुड़ा है कि टेस्ट में टॉस जीतने पर उन्हें मैच में भी जीत मिल जाती है। इसे लकी चार्म कहा जाए तो यह बात गलत नहीं होगी। भारत के लिए विराट कोहली भी ऐसे ही एक लकी चार्म हैं। कोहली ने 2015 के बाद से आज तक (एडिलेड टेस्ट, 17 दिसम्बर 2020) जितनी बार भी टेस्ट में टॉस जीता तो भारतीय टीम मुकाबला हारी नहीं है। ऐसे में क्या कप्तान कोहली का ये लकी चार्म भारत को एडिलेड में भी जारी रहेगा? इसका पता तो चल ही जाएगा।
दरअसल, विराट कोहली एडिलेड में खेले जा रहे चार मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले के बाद स्वदेश चले जाएंगे, क्योंकि जैसा की आप सब जानते है कि उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा मां बनने वाली हैं और कोहली अपने पहले बच्चे के जन्म के समय अपने परिवार के साथ रहना चाहते हैं। अब देखना यह है कि क्या विराट कोहली का लकी चार्म उन्हें जीत के साथ भारत भेजेगा या फिर नहीं? इसका तो जल्द ही पता चल जाएगा कि पिता बनने से पहले वे ऑस्ट्रेलिया को डे-नाइट टेस्ट मैच में धूल चटाकर वापस लौटेंगे या नहीं।
अगर आंकड़ों की बात की जाए तो साल 2015 में टेस्ट कप्तान बने विराट कोहली ने अब तक कप्तान के तौर पर कुल 25 बार (एडिलेड टेस्ट को छोड़कर) टॉस जीता है। सबसे जरूरी बात यह है कि भारतीय टीम को एक बार भी हार नहीं मिली है। ऐसा भी नहीं है कि इन 25 में से 25 मैचों में भारत को जीत मिली है, क्योंकि चार मैच टॉस जीतने के बाद ड्रॉ भी हो गए हैं। लेकिन ये बात अहम बात यह है कि भारत को 21 बार टॉस जीतने के बाद जीत मिली है।