बिहार की सियासत में हड़कंप मचा हुआ है। विपक्षी पार्टियों की ओर से बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद पर कई तरह के आरोप लगाए गए थे। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी हर घर नल का जल योजना में सीएम तारकिशोर प्रसाद के बहू, बेटे और उनके साले को दिये गये ठेके को लेकर तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार और सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला था। जिसके बाद से प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में हलचलें तेज हो गई थी। सीएम नीतीश कुमार ने डिप्टी सीएम से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा था। अब तारकिशोर प्रसाद ने अपनी सफाई में कई बातें सामने रखी है और विपक्ष के आरोपों को वेबुनियाद बताया है।
उप मुख्यमंत्री ने दी सफाई
डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने हुए ठेका पानेवाली कंपनी में अपने रिश्तेदारों की होने की बात को गलत बताया है। उन्होंने नल-जल योजना में अपने रिश्तेदारों को 53 करोड़ का ठेका मिलने के आरोप को खारिज कर दिया और कहा कि उनके साले के ठेका लेने की बात पूरी तरह से गलत है। डिप्टी सीएम के मुताबिक जिन दो कंपनियों दीपकिरण इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड एवं जीवनश्री इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड का जिक्र किया गया है। उन कंपनियों में उनके परिवार या ससुराल का कोई सदस्य शामिल नहीं है।
पद मिलने से पहले ही हो चुका था काम
उन्होंने कहा, कटिहार जिला के लगभग 2800 स्कीमों में से भवाड़ा पंचायत के 04 वार्डों में सिर्फ चार स्कीम का कार्य मेरे परिवार की पूजा कुमारी द्वारा किया गया है। ये काम सरकार के नियमों के अनुसार निविदा प्रक्रिया वर्ष 2019 में ही किया गया है। जबकि ठेका नवंबर 2019 में हुआ, जिसके तहत 01 करोड़ 87 लाख 08 हजार 766 रुपए का कॉन्ट्रैक्ट हुआ। तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि इस कॉन्ट्रैक्ट के अंतर्गत दिए गए कार्य को एक वर्ष पूर्व सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है। यहां नियमित जलापूर्ति भी किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने से पहले ही इन ठेकों का काम पूरा हो चुका था।
तेजस्वी ने बोला था जोरदार हमला
बताते चले कि बीते दिन गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नल जल योजना में घोटाले को लेकर सरकार को निशाने पर लिया था। उन्होंने कहा था कि इस योजना का नाम ‘लोगों के घरों में जल पहुंचाना नहीं होना चाहिए, बल्कि बीजेपी और जेडीयू नेता के घर में धन पहुंचाना होना चाहिए।‘ उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत चुन चुनकर JDU और BJP नेताओं को ठेका दिया गया और योजना का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने की जगह बीजेपी और जेडयू नेताओं को पहुंचाया गया। हालांकि, अब उप मुख्यमंत्री ने विपक्ष द्वारा लगाए गए सारे आरोपों को खारिज कर दिया है।