विदेश मंत्री एस. जयशंकर के अनुसार, भारत एवं मेक्सिको के बीच महत्वपूर्ण साझेदारी एक बेहतर आर्थिक सहयोग से प्रेरित होनी बहुत ज्यादा जरूरी है। उन्होंने मेक्सिको की कंपनियों को भारत देश में निवेश के लिए आमंत्रित किया है और साथ ही आइटी और औषधि जैसे क्षेत्रों की भी समस्याओं पर बातचीत की है। जयशंकर इस वक्त मेक्सिको की तीन दिवसीय यात्रा गए हुए हैं। विदेश मंत्री के तौर पर यह दक्षिण अमेरिकी देश का उनका पहला अहम दौरा होने वाला है।
बता दे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को मेक्सिको के कुछ कारोबारियों और वहां पर काम करने वाली भारतीय कंपनियों के साथ सकारात्मक रूप से बातचीत की है। विदेश मंत्री ने एक ट्वीट भी किया, ‘मेक्सिको की कंपनियों के सामने भारत में निवेश करने का प्रस्ताव रखा गया है । देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के अनुरूप, भारतीय व्यापारियों को हमारा निर्यात और अधिक बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
बता दे उन्होंने कहा, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी यानी की आइसीटी, औषधि, कृषि, आटो और खाद्य उद्योगों के सामने पैदा होने वाली समस्याओं पर भी चर्चा की है । अच्छे आर्थिक सहयोग से हमारी अहम साझेदारी को आगे बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए। जयशंकर पिछले 41 सालों में मेक्सिको की यात्रा करने वाले भारत के पहले विदेश मंत्री बन गए हैं|
आपको बता दे वह संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के लिए अमेरिका गए हुए थे और उसी के बाद मेक्सिको के अपने समकक्ष कासाऊबोन के निमंत्रण देने पर उनके देश चले गए। विदेश मंत्रालय के मुताबिक , मेक्सिको इस वक्त दक्षिण अमेरिका में भारत का दूसरा सबसे बड़ा और अहम व्यापारिक हिस्सेदार बन गया है। वह साल 2021-22 की समय अवधि के लिए भारत के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य भी बन गया है।
बता दे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को मेक्सिको के राष्ट्रपति मैनुअल लोपेज ओब्राडोर के साथ भी चर्चा की। एक रिपोर्ट के अनुसार इस समय दोनों नेताओं ने औषधि, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी और ऊर्जा के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग को भी विस्तार देने पर बातचीत की है।