ऐसी चीज़ जो इंटरनेट को देती है चीते की रफ़्तार  

भारत ने बीते कुछ सालो में काफी तरक्की करी है और ये तरक्की किसी एक क्षेत्र में सीमित नहीं है| फिर चाहे ये पढाई के क्षेत्र हो या फिर उद्योग या फिर फिर आधुनिक| भारत तेजी से हर क्षेत्र में आगे बढ़ता जा रहा है| लेकिन एक ऐसा क्षेत्र भी है जिसमे भारत दुगनी तेजी से बढता जा रहा है| वो है आधुनिक क्षेत्र|पिछले कुछ सालो में आधुनिकता का स्तर काफी बढ़ा है और इस आधुनिकता में सबसे बड़ा हाथ इन्टरनेट का है| आज कल के समय में बच्चे हो या फिर बड़े हर किसी के हाथ में फ़ोन और इंटरनेट ना हो ये तो हो ही नहीं सकता है|

इन्सान आज के दौर में कुछ घंटे बिना खाएं पियें रह सकता है लेकिन बिना इंटरनेट रहना थोडा सा मुश्किल है| आज के समय में इंटरनेट हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है| इसी के साथ आज कल फाइबर नेटवर्क भी काफी चर्चा है| अपने इंटरनेट से जुडी कुछ चीज़ों के बारे में जरुर सुना होगा| जैसे इंटरनेट धीरे चल रहा या फिर तेज चल रहा है| क्या आपको पता है आखिर ये होता कैसे है? कैसे इंटरनेट इतनी जल्दी चलता है कैसे दूरसंचार होता है? आज हम आपको बताएँगे कि क्या होता है ये ऑप्टिकल फाइबर क्या है और ये काम कैसे करता है?

क्या होते है ऑप्टिकल फाइबर ?

अपने ऑप्टिकल फाइबर का नाम तो सुना ही होगा| कुछ समय पहले ब्रॉड बैंड कनेक्शन फाइबर वाले नहीं होता थे| ये वायरलेस ही हुआ करते थे|  या ये भी कह सकते है नार्मल इंटरनेट के माध्यम से आपको नेट कि सेवा मिलती थी |  लेकिन अब मार्केट में फाइबर इंटरनेट  कि डिमांड काफी ज्यादा बढ़ा गयी है| इसका मुख्य कारण ये है कि फाइबर इंटरनेट से आप नेट की अच्छी स्पीड प्राप्त कर सकते है| शायद हमारे और आपके लिए फाइबर इंटरनेट कुछ नया हो| लेकिन इंटनेट की दुनिया में फाइबर काफी सालो से यूज किया जा रहा है|

आपको बता दे फाइबर वायर्स को सन 1950 में मेडिकल यूज के लिए तैयार किया गया था | इसका मुख्य कारण था कि बिना बड़ी सुर्जरी किए हुए डॉक्टर मरीज के अंदर के पार्ट देख सके| बिना फाइबर के शायद इंटरनेट पॉसिबल ही नहीं है| यही वजह है कि आज हमारे और सभी तक ये इंटरनेट कि सुविधा पहुँच पा रही है|

कैसे काम करते है फाइबर ऑप्टिकल

फाइबर ऑप्टिकल को ट्रांसमिशन के माध्यम के तौर पर समझ सकते है| ये एक पतले पाईप की तरह होता है जिसमे लाइट की स्पीड से डाटा इधर-उधर ट्रवेल करता है| फाइबर वायर बाल से भी लम्बे होता है और काफी बड़े भी| इसे आप ऐसे समझ सकते है कई सारे पतले फाइबर ऑप्टिक्स को एक आउटर लेयर से प्रोजेक्ट किया जाता है ताकि ये टूटे ना| इनकी ख़ास बात ये है कि ये लम्बी दूरी लाइट के माध्यम से डाटा का ट्रांसफ़र कर सकते है| चूकी लाइट की स्पीड काफी तेज होती है इसीलिए इसका यूज डाटा ट्रांसफ़र के लिए होता है|

आपको बता दे लाइट सबसे तेज ट्रवेल करती है और फाइबर ऑप्टिक्स में इसी का यूज होता है| अगर ट्रेडिशनल केबल इंटरनेट को देखे तो इसमें इलेक्ट्रिकल सिगनल से ट्रांसमिशन होता है| जो कि लाइट के मुकाबले काफी ज्यादा धीमा है |फाइबर ऑप्टिक्स में डाटा तेजी से ट्रवेल करता है| साथ ही सिक्यूरिटी के हिसाब से भी ये काफी अच्छा है | क्यूंकि इसमें हैकिंग करना काफी ज्यादा मुश्किल हो जाता है|

 

 

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KrtankChaudhary
KrtankChaudharyhttp://bbpnnetwork.com
Krtank Chaudhary, an Indie filmmaker, is a Journalism Graduate from Galgotias University, mostly known for his short film work. He began his filmmaking career at a very young age of 17. The young filmmaker made his first official short film at the age 18 .

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