आगरा की शू फैक्टर्स फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार के दिन को लखनऊ शहर में उप्र के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना से एक ख़ास मुलाकात करी है । आपको बता दे एक हजार रुपये तक कि कीमत के जूते पर बढ़ाई जाने वाली जीएसटी को 12 फ़ीसदी से घटाकर अब पांच फीसद कराने की मांग करी गयी है। क्यूंकि एक जनवरी से पहले एक हजार रुपये तक के जूते पर पांच फीसद तक की जीएसटी लागू कर दी गयी थी।
आपको बता दे इस फेडरेशन के अध्यक्ष गागनदास रामानी ने वित्त मंत्री को इस बात से रूबरू कराया है कि आगरा का जूता उद्योग मुगलकालीन के समय से है। इस पर करीब-करीब चार लाख परिवार निर्भर करते हैं। आगरा के ताजमहल को प्रदूषण से पूरी तरह से बचाने के लिए बनाये गए ताज ट्रेपेजियम जोन के कारण से बहुत-से उद्योग धंधे पहले ही उजड़ गए हैं।
इसी के साथ ही आगरा में रहने वालो का एकमात्र सहारा अब जूता उद्योग ही बचा रह गया है। अगर इसी तरह से जीएसटी में वृद्धि होती रही तो जूता उद्योग पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा। वही इस शहर में बेरोजगारों की संख्या भी खूब तेजी से बढ़ सकती है। बस इतना ही नहीं इससे विधानसभा चुनाव में भाजपा पार्टी को भी जोर का झटका लगने कि संभावना है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रतिनिधिमंडल की इस जरूरी बात को काफी गंभीरता के साथ सुना और ये विश्वास दिलाया है कि फरवरी के महीने में होने वाली जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक में वह इस पूरे मुद्दे को प्रमुखता पर रखेंगे । साथ ही उन्होंने इस बात की भी उम्मीद जताई है कि जूते पर जीएसटी की दर को पूर्व की भांति ही रखा जाए । इस प्रतिनिधिमंडल में चंद्रवीर सिंह, रोहित ग्रोवर, अजय महाजन, दिलप्रीत सिंह सचदेवा, संजय अरोड़ा, नरेश, रवि मदान, राजू क्वात्रा, रोहित महाजन आदि लोग सम्मिलित रहे है।