ताज़ा समाचारअंतर्राष्ट्रीयइन विकसित देशों ने खरीदी कोरोना वैक्‍सीन की करोड़ों डोज, विशेषज्ञो ने...

इन विकसित देशों ने खरीदी कोरोना वैक्‍सीन की करोड़ों डोज, विशेषज्ञो ने जताई चिंता

कोरोना महामारी के चलते कई सारी वैक्‍सीन का निर्माण किया गया और अब  इसमें से कई वैक्‍सीन अभी अपने अंतिम चरण में हैं। इन्‍हें अभी इस्‍तेमाल की मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन इसके बावजूद इनकी करोड़ों डोज बिक चुकी है। इन्‍हें खरीदनेवालों में ज्‍यादातर विकसित देश हैं। ऐसे में गरीब और विकासशील देशों के सामने एक बड़ा संकट मंडरा रहा है क्यूंकि इन देशों को कोरोना की वैक्‍सीन के लिए शायद लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। अफ्रीका के एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने गुरुवार  को कहा कि अमीर देशों के लोगों को कोविड-19 का टीका मिलना और अफ्रीकी देशों का इससे वंचित रह जाना ये अत्यंत बुरा होगा।

अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने कोरोना वायरस वैक्‍सीन की करोड़ों खुराके खरीद ली हैं। कुछ विकसित देशों ने करोड़ों खुराक के लिए पैसे भी एडवांस में दे दिए हैं। ऐसे में कंपनियों पहले इन देशों को वैक्‍सीन की सप्‍लाई करेंगी। इन देशों का आर्डर इतना बड़ा है कि इन्‍हें पूरा करने में कंपनियों को काफी लंबा समय लगा जाएगा। ऐसे में गरीब और विकासशील देशों को कोरोना वैक्‍सीन कब और कैसे मिलेगी, इसका कोई पता नहीं है और एक ये बड़ा सवाल है?

अफ्रीका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के निदेशक जॉन नकेनगसोंग ने कहा कि 2021 की दूसरी तिमाही के बाद अफ्रीका के लोगों को कोविड-19 का टीका मिल पाएगा। नकेनगसोंग का बयान ऐसे समय आया है जब एक तरफ अफ्रीका में संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं और दूसरी ओर ब्रिटेन में लोगों को टीका देने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। उन्होंने इसे एक ‘नैतिक मुद्दा’ बताया और पूरे राष्ट्र से आग्रह किया कि टीके को लेकर देशों के बीच कोई मतभेद न हो और टीके का बराबरी से वितरण हो सके। इसके लिए एक विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। नकेनगसोंग ने कहा कि केवल पश्चिमी देशों में ही टीका देने से कोविड-19 की समाप्ति नहीं होगी। उन्होंने यह भी बोला  अमीर देशों द्वारा टीके की मात्रा आवश्यकता से अधिक खरीदना ये बात भी चिंता जनक है।

आपको बता दे कि पश्विमी देशों ने अपनी आवश्‍यकता से अधिक कोरोना वायरस वैक्‍सीन खरीदने की रणनीति बनाई है। लाखों की जनसंख्‍या वाले देश ने भी करोड़ों कोरोना वैक्‍सीन खरीद ली है। वहीं, दूसरी ओर विकासशील देश अपनी पूरी जनसंख्‍या को देने के लिए भी सही से टीका नहीं खरीद पा रहे हैं। लेकिन थोड़ी राहत की बात ये है कि यहां भारत की स्थिति कुछ बेहतर नजर आती है, जिसने 1.6 बिलियन डोज खरीदे हैं। हालांकि, भारत ने जिन वैक्‍सीन का आर्डर किया है, उनमें कुछ ही दो डोज लेनी हैं। ऐसे में भारत की कुल जनसंख्‍या को ये शायद वैक्‍सीन नहीं मिल पाएगी। वैसे, भारत सरकार ने ये बात साफ कर दिया है कि सभी को कोरोना वैक्‍सीन की जरूरत नहीं पड़ने वाली है।

OUR NEWSLETTER

GET EXCLUSIVE FULL ACCESS TO PREMIUM CONTENT

GET NOTIFIED FOR EVERY CONTENT

Get unlimited access to our EXCLUSIVE Content and our archive of subscriber stories.

Latest news

latest videos

More article